कभी रोता हूँ, वो किसी को दिखाई
नही देता....
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कभी चिंतित रेहता हूं, कोई परवाह नही करता....
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कभी चिंतित रेहता हूं, कोई परवाह नही करता....
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कभी मायूस होता हूं, कोई पूछने तक नही आता....
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पर जब कभी समोसे की दुकान पर अकेला खाने
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पर जब कभी समोसे की दुकान पर अकेला खाने
बैैठ जाता हूँ, कोई ना कोई चला
ही आता है....
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ही आता है....
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क्यों भैया, अकेले अकेले??
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