Tuesday, 26 January 2016

जाड़े का मौसम...

जाड़े का मौसम आया,
सूरज का मन अलसाया,
लिहाफ तान कर सोयें हैं,
देखो बारह बजने को आया...


क्या उनको है नहीं पता,

सर्दी सबको रही सता,
क्या किसी से अनबन हुयी,
या हुयी हमसे कोई खता...

सूरज बाबा गुस्सा छोडो,
लिहाफ से बाहर निकलो ना,
थोड़ी सी ही झलक दिखा दो,
प्यार की शक्‍ति दे दो न...

सूरज बाबा आँखें खोलो,
बच्चों से हंसकर बोलो न...

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