Thursday, 8 October 2015

बचपन..

छीनकर खिलौनो को बाँट दिये गम
बचपन से दूर बहुत दूर हुए हम...

अच्छी तरह से अभी पढ़ना न आया
कपड़ों को अपने बदलना न आया
लाद दिए बस्ते हैं भारी-भरकम
बचपन से दूर बहुत दूर हुए हम...

अँग्रेजी शब्दों का पढ़ना-पढ़ाना
घर आके दिया हुआ काम निबटाना
होमवर्क करने में फूल जाये दम
बचपन से दूर बहुत दूर हुए हम...

देकर के थपकी न माँ मुझे सुलाती
दादी है अब नहीं कहानियाँ सुनाती
बिलख रही कैद बनी, जीवन सरगम
बचपन से दूर बहुत दूर हुए हम...

इतने कठिन विषय कि छूटे पसीना
रात-दिन किताबों को घोट-घोट पीना
उस पर भी नम्बर आते हैं बहुत कम
बचपन से दूर बहुत दूर हुए हम...

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