Wednesday, 14 October 2015

बरिश की मस्ती

रिमिझम-रिमिझम बारिश आई
काली घटा फिर है छाई
सड़कों पर बह उठा पानी
कागज़ की है नाव चलानी
नुन्नू मुन्नू चुन्नू आए
रंग बिरंगे छाते लाए
कहीं छप-छप कहीं थप-थप
लगती कितनी अच्छी टप-टप
बारिश की मौज मस्ती है
हो चाहे कल छुट्टी है । 

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